प्रॉपर्टी बाजार के जौहरी और आम निवेशक

बिलासपुर :- लोग कहते है कि अच्छी चीजें बाज़ार में जौहरीयो की नज़रों से कभी बच नहीं सकतीं है यह बात प्रॉपर्टी मार्केट में भी लागू होती है।शहरों की प्राइम प्रॉपर्टी के मिल्कियत  इस सेक्टर के जौहरीयो के पास ही रहती है। इसलिए प्रॉपर्टी मार्केट में जो क्रीम लोकेशन होती है वो आम निवेशकों से दूर रहती है। क्योकि आम निवेशक को उसकी  पहचान ही नही होती है। जिसकी बड़ी वजह उसका मार्केट के जौहरीयो से वास्ता ही नही होता है। क्रीम लोकेशन हर किसी को आसानी से नहीं मिलती जिसके पास यह रहती है  वो जल्दी से बेचता नहीं है .चाहे रेट शानदार क्यों न मिले । अधिकांश प्राइम लोकेशन की जमीनें ऐसे ही खाली पड़ी दिखाई देती है। जौहरी जनता है कि ऐसी संपत्ति का स्वरूप बदल कर बेचने पर कीमते बहुत अधिक मिलेगी।


यह दौर विज्ञापन और रियल एस्टेट मार्केटिंग संस्थानों का है।इनके दावे हर एंगल से भरपूर  वजनदार हो पर इनसे प्राइम लोकेशन की उम्मीद नही के बराबर होती है। प्रॉपर्टी के ब्रोकरों से कुछ उम्मीद भले की जा सकती है।ये लोकेशन दिखा सकते है।पर वे इसे लेने के लिए मना नही सकते है ....। ब्रोकर यह समझा नही सकते कि दिखाया गया लोकेशन यह भविष्य के क्रीम लोकेशन है। और समझना भी चाहे तो आम निवेशक नही समझता है।क्योंकि दौर आज के ट्रेड का है।


संपत्ति पर निवेश करने वाले जौहरीयो की खासियत यह होती है कि वे दबे पांव बिना शोर शराबा प्राइम लोकेशन या क्रीम लोकेशन में निवेश करते हैं। अधिकांश इनका निवेश लॉन्ग टर्म के लिए होता है। क्योंकि चीजें बहुत सस्ती खरीदते हैं और महंगे होने का इंतजार करते हैं।बीते चार-पांच सालों में शहर में बने व्यवसायिक परिसर इसका एक शानदार उदाहरण है।
















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