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प्रॉपर्टी गाइड

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मैंने कुछ दिनों पहले पड़ा था  की  मध्यप्रदेश में बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में जमीन, मकान, दुकान की जानकारी प्रॉपर्टी गाइड से मिलेगी. इन शहरों के विकास प्राधिकरण उनकी अचल सम्पत्ति की ये सारी सूचनाएं लोगों को एक प्रापर्टी गाइड में उपलब्ध हो जाएँगी  जानकारी के मुताबिक इंदौर विकास प्राधिकरण ने गाइड प्रकाशित कर दी है और मार्केटिंग सेल गठित कर दिया गया है. इस सेल ने एक दिसंबर से काम शुरू कर दिया . प्रापर्टी गाइड संपत्ति खरीददारों को ठगे जाने से बचने में मददगार साबित होगी. इंदौर विकास प्राधिकरण ने सितम्बर 2010 तक की स्थिति में अपनी 100 से ज्यादा योजनाओं के तहत सभी उपलब्ध और खाली विभिन्न भूखंडों, निर्मित जगहों और फ्लेट्स की जानकारी प्रापर्टी गाइड में संकलित कर ली है  मुझे यह एक सार्थक प्रयास लगा  ऐसा छत्तीसगढ़ होउसिंग बोर्ड और छत्तीसगढ़ के समस्त विकास प्राधिकारणों को करना चाहिए मेरा अब तक का रियल एस्टेट में जो अनुभव है उस के आधार पर मैं कह सकता हु की   होउसिंग बोर्ड और छत्तीसगढ़ के समस्त विकास प्राधिकारणों की प्रोजेक्ट कहा कहा चल रहे है और यह कब बिक्री के लिए मार्केट में

मुफ्त के सलाहकार

मेरी सोच यह कहती है की  आज प्रोपर्टी दो लाख रूपये  का पर निवेश करने वाला आपने आप को प्रोपर्टी एक्सपर्ट से कम नहीं समझता है .पान की दुकान हो या सरकारी कार्यालय प्रोपर्टी खरीदने के लिए सलाहकार मुफ्त में मिल जाते है . और यह सलाहकार आप के सहकर्मी -रिश्तेदार-मित्र -जानपहचान वाले -या अनजान कोई भी हो सकते है जो आप को सीपत- लगरा -मोपका - अशोक नगर -कोनी-घुरू अमेरी- सकरी -सिरगिट्टी - तिफरा- बोदरी -परसदा  - बनाक -हरदी बसिया मोड़ -सिलपहरी -धुमा -लाल खदान - जैसे  जगहों पर निवेश के फायदे नुकसान बताने में मुफ्त के सलाहकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी होगी . मैं इन जगहों की बुराई नहीं कर रहा हु इन जगहों पर भी कुछ बहुत ही अच्छे प्रोजेक्ट आवासीय व्यावसायिक आवासीय भूखंडो के प्रोजेक्ट कुछ बिल्डरों के प्रोजेक्ट होउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट काबिले तारीफ है .परन्तु   इन में से कुछ जगहों पर लोग जो निवेश किये है उन की स्थिति सब के सामने है. प्रोपर्टी पर निवेश किये हुए  किसी को 10 साल किसी  को 5 साल  से अधिक का समय हो गया है . .सबसे महत्व पूर्ण बात यह है की जो खुद के रहने के लिए प्रोपर्टी खरीदे है उन की हालत सब से खर

Bilaspur

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छत्तीसगढ़ के जो प्रमुख शहर है उन में प्रथम  राजधानी रायपुर और दूसरा न्यायधनी बिलासपुर है. छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा व्यवसायिक और ओद्योगिक जिला भी बिलासपुर है . बिलासा  दाई के नाम से बसा बिलासपुर इसे  न्यायधनी के नाम सी भी पुकारा जाता है . मैंने विभिन्न स्रोतों से बिलासपुर जिले और बिलासपुर शहर से जुडी हुई कुछ  महत्वपूर्ण  जानकारियों का संकलन करने का प्रयास किया है. यह  प्रयास बिलासपुर के डेवलपमेंट से जुड़े पहलुओ  को आम लोगो तक पहुचना है . ताकि जो लोग बिलासपुर के बारे में जानना चाहते है उन तक कुछ महत्व पूर्ण जानकारिय पहुच सके आप से निवेदन है की कृपया इसमें दिए गए तथ्य और आकड़ो को एक लेख की तरह पढ़े .   बिलासपुर जिले की कुल जनसंख्या वर्ष 2001 की स्थिति में 1013875 पुरूष और 984480 महिलाओ  की है . पुरूषों में साक्षरता 78.4 प्रतिशत और महिलाओं में 48.2 प्रतिशत है . 2001 में  बिलासपुर शहर की जनसंख्या करीब ढाई लाख थी  यह शहर 30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में बसा हुआ है. कुछ समय पहले 18  ग्राम पंचायतों को निगम में शामिल करने का प्रस्ताव अब तक भी पारित हो चूका है,   इसमें मंगला, कोनी, बिरकोन

commercial space bilaspur

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bilaspur कामर्शियल स्पेस की मांग दिन प्रति दिन बड़ते जा रही है आने वाले कुछ महीनो के भीतर बिलासपुर में कामर्शियल स्पेस में की मांग बड़ने वाली है क्योकि मुझे लग रहा है पिछले सात आठ महीनो में जो  व्यापर विहार में जो कार्पोरेट  सेक्टर की एंट्री हुई है उस से आने वाले कुछ दिनों में फिर से व्यापर विहार की  कॉमर्शियल  प्रॉपर्टी   में फिर से पूछ परख बड़ने की सम्भावना दिखने लगी है .उस का एक कारण यह भी है की बस स्टैंड  और हाई कोर्ट का  नया भवन बोदरी में बन जाने और होउसिंग बोर्ड की तथा यहाँ पर एक दो आवासीय  टाउनशिप के बनने और कुछ छोटे और बड़े पैमाने पर वैध और अवैध भूखंडो की बिक्री बड़ने तथा उसलापुर में रेल्वे स्टेशन में यात्री सुविधाओ में विकास होने के  साथ में उसलापुर और सकरी में तीन से चार बड़ी आवासीय  टाउनशिप के बनने से व्यापर विहार अब शहर का केंद्र बन गया है जो कभी बस स्टैंड हुआ करता था .व्यापर विहार से उसलापुर सकरी और बोदरी परसदा  SECL राजकिशोर नगर एक दम पास लगते है. और रास्ता भी सिधा और आसान है, कोई नया व्यक्ति भी आसानी से इन जगहों पर पहुच सकता है.यह कुछ ऐसे समीकरण है जिनसे  मुझे लग रहा है
मै आपने शहर बिलासपुर से बहुत प्यार करता हु मै भी चाहता हु की मेरा बिलासपुर भी ऐसा ही बने जिस के लिए मै जो प्रयास कर सकता हु करूँगा .वैसे  तो मैं कभी किसे के लेख को कॉपी नहीं करता पर आज अहमदाबाद जिन्दाबाद कहने पर मजबुर होगया हु और मैं ईस लेख के लेखक को भी सलाम करना चाहता हु जिन्होंने इतनी खूबसूरती के साथ यह लेख लिखा है ...मुझे लगा की मैं कही टीवी पर अहमदाबाद की विकास यात्रा पर कोई फिल्म देख रहा हु बहुत सुंदर लेख ....  जब हिरोशिमा और नागासाकी में बम गिरा था उस के  बाद  वहा के लोग और वह के प्रशासन से जो विकास किया.वो काबिले तारीफ है . आज जापान की तरक्की सब के सामने है ईस लेख से मुझे जापानियों की मजबूती और विस्वास और काम के प्रति समर्पण की बाते जो मैंने पढ़ी है वो  याद आती है ! ऐसा ही कुछ गुजरात के लोगे ने किया है ... अहमदाबाद जिन्दाबाद  .. अहमदाबाद के लोग  जिन्दाबाद.... अहमदाबाद का प्रशासन  जिन्दाबाद    और गुजरात की सरकार जिन्दाबाद  ..............................   बात वर्ष 2000 की है। आईआईएम-ए ने ‘अहमदाबाद ए डाइंग सिटी ऑफ ट्वेंटी फस्र्ट सेंच्युरी’ नाम से केस स्टडी तैयार की थी। संभवत:

कमल विहार

कमल विहार पर जो अभी विवाद आया है .. उस की कुछ शासकीय तकनिकी या विभागों के तालमेल में कुछ एक बिन्दुओ  पर तकनीकी खामियों की वजह से मिडिया में जो खबरे आरही है ... इस का समाधान तो जल्दी हो जायेगा मुझे ऐसा लगता है . पर  मुद्दा ये है की किसान इस का विरोध क्योकर रहे है . जब की जिन लोगो की जमीन कमल विहार में आई है उन को उन की जमीनों की कीमत बहुत ज्यादा मिले है . अब तो खबरे ऐसे आई है की कमल विहार से जो भी लाभ प्राप्त होगा उस को भू - स्वामियों को बाट दिया जायेगा .. यह सच में कुछ ऐसा है तो अच्छी खबर है.  यदि यह एक कारपोरेट प्रोजेक्ट रहता तो किसान ख़ुशी ख़ुशी आपनी जमीने दे देते क्योकि बाकी की जमीने कम्पनी मनमाने दामो पर खरीद लेती .सरकारी एक रेट फिक्स है बस तकलीफ यहाँ से आना चालू हो गई है की अब आसपास की जमीनों के भाव सरकारी कीमत से दस गुना ज्यादा हो गए है . इस लिए किसान अब विरोध करना चालू कर रहे है .इस में किसान कम और जमीन पर निवेश करने  वाले ज्यादा होंगे. राजस्व विभाग का कुछ क़ानूनी  मसला तो आपने समझ से परे है !जो जल्दी ही हल हो  जायेगा हम तो यही आशा कर रहे है . मुझे लगता है , की कमल विहार  की
बिलासपुर वासियों के लिए एक खुशखबरी एक तकनीकी सुचना के अनुसार वर्तमान में शहर में प्रति दिन 35 MLD पानी की पूर्ति हो रही है और 30 सालो के बाद बिलासपुर शहर को प्रति दिन 75 से 80 MLD पीने के पानी के जरुरत होगी ! और इतने अधिक पीने के पानी के लिए कम से कम २०० करोड़ से भी ज्यादा का खर्च होगा .और साथ में तकलीफे भी बहुत होंगी...पर हमारी किस्मत अच्छी है की हमारे बिलासपुर से शहर के बिच से से अरपा नदी निकलती है , बिलासपुर के लोगो की किस्मत और भी अच्छी है की हमारे मंत्री जी आपने विदेश दौर का सही उपयोग किया जो लन्दन की टेम्स नदी को देख कर नही आये बल्कि टेम्स नदी को बिलासपुर लाने का सपना भी देख कर आये और अरपा को टेम्स नदी जैसा बनाने के प्रयास में लगे रहे ! जिसका परिणाम अरपा को सवारने के लिए आज अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण का गठन हमारे सामने है,श्री अमर अग्रवाल जी ने एक आर्किटेक्ट सोच रखते हुए बिलासपुर में अरपा प्रोजेक्ट को सामने लाया !यह सपने को सच करने जैसा ही है ! बिलासपुर में पर्यटन को बढाने के लिए अरपा प्रोजेक्ट में मनोरंजन के साधनों , मनोरंजन से जुडी योजनाओ का समावेश करके दुगुना किया जा

अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण

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इस से पहले भी मै अरपा पर ब्लॉग लिख चूका हु चुकी अवसर कुछ ऐसा है जो मैं आपने आप को रोक नहीं पा रहा हु करण यह है की  अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के गठन होना मैंने कई बार इस अरपा प्रोजेक्ट पर कई लोगो से चर्चा की है और यह मेरे लिए भी एक सपने को सच होते देखने जैसा है इस प्रोजेक्ट को को लेकर जो जो बाते मैंने सोची थी वो भी समय के साथ हकीकत में बदलती नज़र आ रही है .. यह प्रोजेक्ट चलू होने से मुझे यह फायदा मिला है की मैंने जिन जिन लोगो के सामने इस प्रोजेक्ट से जुडी बाते कही थी वो सच होते जा रही है                                               मुझे लगता है की अरपा प्रोजेक्ट कुछ ऐसा ही होगा                                                   २०२० में कुछ ऐसा लगे गी अरपा नदी                                                      अरपा नदी २०२२ में                                                      Arpa ka kinara 2021 me kuch aisa hoga                                                         Arpa Bilaspur २०१९ में कुछ इस तरह लगेगी                                                   सेंदरी या

bilaspur real estate market

bilaspur real estate market  जैसे जैसे नए कीर्तिमान रचता जा वैसे ही उसके दुष्परिणाम  सामने आते जा रहे है जिनसे निपटने के लिए प्रशसन को भी दिकते आने वाली है , मसलन जैसे की ट्राफिक की समस्या पोलिस थानों पर  बढता हुआ दबाव और भी बहुत से  दुष्परिणाम  है पर मैं अभी इन दो प्रमुख समस्या को लेकर यहाँ के  real estate market पर यह समस्याए क्या प्रभाव डाल सकती है उस पर प्रकाश डालने का प्रयास कर रहा हु             ट्राफिक की समस्या पूरे विश्व के  हर बड़ते हुए नगर, महानगर,  कसबे, की है .पर इस समस्या से निपटने के लिए पूरे विश्व के  हर बड़ते हुए नगर, महानगरो में कुछ कड़े कानून और नियम बनाये गए है . कानून और नियम हमारे यहाँ पर भी है. पर इन  कानून और नियम का पालन  न करने की कुछ लोगो ने कसम खाई हुई है जिस की परिणाम स्वरूप दुरधटनाओ को यह लोग निमंत्रण देते है जिस करण  दुरधटनाओ का ग्राफ बढता ही जा रहा है   ट्राफिक की समस्या के करण यहाँ के   real estate market पर भी पड़ा है जैसे की लोग अब सदर बाजार जाना ज्यादा पसंद नहीं करते है  क्योकि वह पाकिंग की सबसे बड़ी समस्या है  ट्राफिक    रेंग -रेंग कर चलता है जिसक

मेरा अनुमान

बिलासपुर  प्रॉपर्टी मार्केट के बारे में मैंने कुछ बाते लिखी थी मेरा अनुमान था की मार्केट की दिसंबर से अपनी रफ़्तार पकड़ेगा और कुछ ऐसा ही हुआ मार्च के अंत तक खास कर होउसिंग  सेक्टर पर यह ठीक रहा ! होउसिंग सेक्टर ठीक रहने का एक बड़ा करण होम लोन पर ब्याज दरें कम थी और कुछ कम्पनियों ने बहुत से स्कीम  लेकर आई थी जिस का बहुत से लोगो  ने फायदा उठाया है ! अप्रेल से जून तक भी प्रोपर्टी की कीमतों में बढोतरी जरी थी .. इस मार्केट की खासियत यह है की हर महीने 10 से 15 रूपये वर्ग फुट कीमते आपने आप बढ जाती है , कभी भारतीय नगर में 150 रूपये में प्लाट मिलजाता था अब वो ( पिछले 8 सालो में ) अब 450 से  500  रूपये वर्ग फुट होगया है , वो भी 8 से 10 सालो में .जबकि  वह ज्यादातर प्लाट अवैध कालोनी में आते है कही कही तो 5 से 8 फुट की सकरी गलिय है . गार्डन  और पार्क के नाम पर BDA का लगा हुआ दीनदयाल उद्यान है i यह तो हाल है और ऐसा कुछ आने वाले सालो में रायपुर रोड का होने वाला है तिफरा से बोदरी तक होने वाला है.   वर्तमान में होम लोन पर ब्याज दरें कुछ बढ़ गई है !  इस बिच बिलासपुर प्रॉपर्टी मार्केट में कुछ बड़े आवासीय
मैं कमल विहार का बहुत बड़ा समर्थक हूँ  पर मुझे RDA का मार्कटिंग का तरीका कुछ नहीं समझ में आता आज बिलासपुर के बहुत से लोग कमल विहार और RDA की योजनाओ में निवेश करना चाहते है पर उन्हें सही मार्गदर्शन न मिल पाना और ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं हो पाने के कारण बिलासपुर कोरबा कोरिया जिले के जरुरत मंद लोग RDA की बहुत सी योजनाओ से वंचित है मुझे लगता है की इस को थोडा सा कार्पोरेट स्तर पर ले जाने की जरुरत है. जैसा की बड़ी इस से राज्य सरकार को भी एक बड़ा हिस्सा राजस्व के रूप में प्राप्त हो कार्पोरेट रियल स्टेट कम्पनिया अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए करती है . होउसिंग बोर्ड  , विकास प्रधिकरण  यह केवल सरकारी सुविधा देने वाले संस्थान न बने. इस से राज्य सरकार  को भी अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो ...थोडा समय के साथ  चलना होगा ....यह हो सकता है इस के लिए  रियल स्टेट  मार्केट से जुड़े लोगो की सेवाए ली  जाये .... . होउसिंग बोर्ड  , विकास प्रधिकरण में कुछ नया पण लाने का समय आ गया है

Mani Bhai

बहुत दिनों से मैंने कोई ब्लॉग नहीं लिखा है . कुछ समय का आभाव है और यहाँ के प्रोपर्टी मार्केट पर कुछ नयी चीजे मुझे सिखने को मिली इस लिए मैं ब्लॉग नहीं लिख पाया हु पर बहुत जल्दी कुछ लिखने का प्रयास करूंगा

निवेश प्रॉपर्टी में

हर कोई चाहता है की उन का पैसा सही जगह पर निवेश हो  पर क्या सच में ऐसा हो पता है कुछ हद तक यह नहीं हो पता . आज प्रोपर्टी पर निवेश भी कुछ ऐसा ही हो गया है! ऐतिहासिक रूप से देखें, तो प्रॉपर्टी में निवेश कम जोखिम वाला विकल्प है, जो लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देता है  आम तौर पर प्रॉपर्टी बाजार में कीमतों में कम उठापटक देखने को मिलती है ! लोगो की  आर्थिक हालात में सुधार के साथ प्रॉपर्टी मार्केट में डिमांड  भी बड़ी है ! प्रॉपर्टी में निवेश छोटी अवधि में रेंटल से होने वाली आमदनी देता है, जबकि लंबी मियाद में कैपिटल गेन के रूप में फायदा मिलता है ! प्रॉपर्टी में निवेश लंबी अवधि में संपत्ति जुटाने की योजना में काफी फायदेमंद साबित होता है! प्रॉपर्टी  कैसी  हो और कहा की लोकेशन हो , और उसकी कीमत कितनी हो, और आने वाले सालो में कितनी हो सकती है !  तीन ऐसे महत्वपूर्ण कारण हैं, जो प्रॉपर्टी इनवेस्टमेंट से मिलने वाला रिटर्न तय करने में अहम भूमिका अदा करते हैं ! प्रॉपर्टी निवेश ऐसा क्षेत्र है!  जो आने वाले वक्त में बढ़िया मुनाफा देने का कूबत  रखता है ! आवासीय प्रॉपर्टी जिन निवेशकों के पास अपने रहने के

neno house ki shuruwat raipur se

मैं नेनो हाउस का हमेश समर्थन करता हु . रायपुर में जो कमल विहार की आवासीय कालोनी बन रही है उस में भी नेनो हाउस अपार्टमेन्ट  को शामिल किया गया है ४१७ वर्ग फुट के सुपर बिल्ट  एरिया की कीमत २.४५ लाख है जिसमे की सश्कीय कर्मचारी को ५%की रियायत है ,आज की अख़बार में मैंने एक बिल्डर का विज्ञापन पड़ा जिसमे की अफोर्डेबल  हाउस के नाम से विज्ञापन दिया था ६१४ वर्ग फुट का जिसकी कीमत १५००/  प्रति वर्ग फिट है .विज्ञापन पड़ कर बहुत अच्छ लगा , एक नया ट्रेंड चालू हो गया है  पर कीमत मुझे कुछ ज्यादा लग रही है इस की कीमत १२०० /- वर्ग फुट होनी चाहिए यह ट्रेंड जल्द ही बिलासपुर में चालू होने वाला है ! यह कोरबा, दुर्ग, भिलाई , रायगढ़  जैसे शहरो  के लिये आने वाले समय में वरदान साबित होगा क्योकि नोकरी पेशा लोग इस को किराये पर लेना ज्यादा पसंद करेगे जो आस पास में रहते है पर काम जिन का इन जगहों पर है पर परिवार किन्ही कारणों से ग्रामीण या अर्ध  शहरी  छेत्रों में रहते है

market ka haal

जैसा की मैंने पहले ही कहा था की बिलासपुर के प्रोपर्टी मार्केट में जनवरी के बाद उछाल आने की उम्मीद थी उस की शुरुवात हो चुकी है जनवरी में चुनाव के बाद से प्रोपर्टी मार्केट में उठाव आना चालू हो गया है और यह मार्च के अंत तक प्रोपर्टी मार्केट में बहार चलती रहेगी. और जहा तक अभी मुझ को लग रहा है की बरसात आते तक मार्केट और उचा उठ सकता है क्यों की इस साल सुनने में आया है की सरकारी रजिस्ट्री के रेट  ज्यादा नहीं बड़ने वाले और कुछ जगहों पर कम भी हो सकते है . तो फिर बरसात आने तक मार्केट ठीक ठाक चलता रहेगा. क्योकि मार्च के अंत तक व्यापारी और नौकरी पेशा लोग प्रोपर्टी लेने पर ज्यादा सक्रीय रहते है . और अगर सरकारी रजिस्ट्री के रेट नहीं बड़ते तो अन्य लोग जो प्रोपर्टी खरीदने का विचार कर रहे है वो कुछ दिन रुक भी सकते है और यह सिलसिला जून तक चाल सकता है कहने का मतलब है की मार्च के अंत तक जो महा बूम आता है उस में कमी हो सकती है क्योकि बैंको के ब्याज दर को लेकर भी अभी अनिशचित्ता चल रही है. और सरकारी रजिस्ट्री के रेट ज्यादा नहीं बड़ने और कुछ स्थानों में कम होने की भी चर्चा है पर अभी अधिकारिक तौर इस बात की पुष