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प्रॉपर्टी बाजार के जौहरी और आम निवेशक

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बिलासपुर :- लोग कहते है कि अच्छी चीजें बाज़ार में जौहरीयो की नज़रों से कभी बच नहीं सकतीं है यह बात प्रॉपर्टी मार्केट में भी लागू होती है।शहरों की प्राइम प्रॉपर्टी के मिल्कियत  इस सेक्टर के जौहरीयो के पास ही रहती है। इसलिए प्रॉपर्टी मार्केट में जो क्रीम लोकेशन होती है वो आम निवेशकों से दूर रहती है। क्योकि आम निवेशक को उसकी  पहचान ही नही होती है। जिसकी बड़ी वजह उसका मार्केट के जौहरीयो से वास्ता ही नही होता है। क्रीम लोकेशन हर किसी को आसानी से नहीं मिलती जिसके पास यह रहती है  वो जल्दी से बेचता नहीं है .चाहे रेट शानदार क्यों न मिले । अधिकांश प्राइम लोकेशन की जमीनें ऐसे ही खाली पड़ी दिखाई देती है। जौहरी जनता है कि ऐसी संपत्ति का स्वरूप बदल कर बेचने पर कीमते बहुत अधिक मिलेगी। यह दौर विज्ञापन और रियल एस्टेट मार्केटिंग संस्थानों का है।इनके दावे हर एंगल से भरपूर  वजनदार हो पर इनसे प्राइम लोकेशन की उम्मीद नही के बराबर होती है। प्रॉपर्टी के ब्रोकरों से कुछ उम्मीद भले की जा सकती है।ये लोकेशन दिखा सकते है।पर वे इसे लेने के लिए मना नही सकते है ....। ब्रोकर यह समझा नही सकते कि दिखाया गया लो

फिर से नई शुरुआत .....जय छटी मईया

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यह ब्लॉग 2008 में शुरू किया था।  फिर  29 अगस्त 2017 को  मैंने इस ब्लॉग में आखरी पोस्ट लिखी थी ...! वापस फिर से नियमित लिखने की कोशिश कर आज से कर रहा हूँ ..! प्रॉपर्टी मार्केट बहुत से किस्से कहानियों से भरा हुआ है। मेरा अनुभव लोगो का अनुभव नया नजरिया  .... ! मार्केट का हाट ट्रेड ... । भविष्य का निवेश ..! बिलासपुर के बाहर का प्रॉपर्टी मार्केट ..! कानूनी जानकारियां ..! बिल्डर्स और डेवलपरों के  इंटरव्यू  ..! ख़रीदी बिक्री   प्रोजेक्ट समीक्षा ..!  छत्तीसगढ़  रेरा ..! और बहुत कुछ इस ब्लॉग में शामिल करने का प्रयास करूंगा ..!  अच्छा लगे तो कमेंट ,लाइक व शेयर जरूर करे। 

Bilaspur property

नई दिल्ली : आयकर विभाग की चेतावनी आने वाले वक्त में भारी भी पड़ सकती है। आयकर विभाग ने दो लाख रुपये या इससे अधिक के नकद लेनदेन के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इस सीमा के उल्लंघन पर कानून के तहत कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। एक सार्वजनिक संदेश में आयकर विभाग ने कहा है कि किसी एक व्यक्ति से एक या अधिक लेनदेन में दो लाख रुपये या अधिक की राशि लेने पर प्रतिबंध है। इसी तरह अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण के लिए 20,000 रुपये नकद लेन-देन की सीमा निर्धारित है और कारोबार से संबंधित खर्च के लिए 10,000 रुपये से अधिक के नकद भुगतान पर भी प्रतिबंध है।

Bilaspur property market

सालो से ब्लॉग लिखना बंद कर दिया था। फिर से ब्लॉग बुखार शुरू हुआ है। जल्द ही नए नए विषयो पर जानकारी शेयर करूँगा।

Bilaspur property

नोट बंदी को अब एक बड़ा वक़्त हो गया। मार्किट में नगदी भी फ्लो में आई गई है। महानगरों के रियल स्टेट मार्केट में भी रौनक वापस आ रही है। ऐसा कुछ रियल स्टेट के जानकार कहते है। अब सवाल ये होता है कि छोटे और मध्यम श्रेणी के शहरों का रियल स्टेट मार्केट क्या कहता है। मेरी नज़र में तो  इस सेक्टर में नोट बंदी के बाद से अब तक वही लोग नज़र आ रहे है जिन्हें जिन्हें  सम्पत्ति की आवश्यक्ता है ही । और सरल शब्दों में कहूँ तो सिर्फ असली ख़रीदार ही मार्किट में है।  मार्केट से रियल स्टेट में शार्ट निवेश करने वाले बाहर ही है।

मेरे फेसबुक वाल से मेरे कुछ अनुभव

एक भाई साहब को डाईवर्रेड प्लाट का मिस्सल बंदोबस्त, अधिकार अभिलेख और मूल प्लाट का सीमांकन रिपोर्ट,मूल मालिक के पहले जिसके नाम जमींन दर्ज थी उसकी सभी कागजातों की कापी और वतर्मान रिकार्ड में दर्ज मालिक का रजिस्ट्री पेपर का कापी और नया बी वन खसरा, खसरा पंशाला ,डाईवर्शन पेपर की नक़ल और रजिस्ट्री में अंकित चौहदी में बगल की भूमि वाले से मिलाने के बाद भी उसे वर्तमान की सीमांकन रिपोर्ट चाहिए। दलाल का माथा  ठनका और उसने 700/- रूपये का प्लाट अब सीमांकन करा कर देने पर उसका रेट 900/- बोल दिया। और ये सब एक अनाड़ी खरीदार के साथ आये एक होशियार मुफ्त के एडवाइजर सहयोगी की वजह से मार्किट से सस्ता सौदा टूट गया। गलती एडवाइजर की नहीं थी पर कई बार कागजो में प्रॉपर्टी की सारी हिस्ट्री लिखी होती है उसे समझने की बात होती है ।। और जहाँ तक मैंने अब तक अनुभव किया है की सीमांकन रिपोर्ट आखरी और अंतिम दस्तावेज नहीं होता है इसे चेलेंज भी किया जा सकता है।

मेरे फेसबुक से कुछ चंद लाइने

जब भी कोई इंडस्ट्री कहीं स्थापित होती है, तो उसके कई फायदे होते हैं इनमें कुछ प्रत्यक्ष होते हैं तो कुछ अप्रत्यक्ष भी होते हैं सामने दिखने वाले फायदों का तो असर कुछ ही दिन में सामने आ जाता है मगर अप्रत्यक्ष फायदों का चेहरा दिखने में वक्त लगता है और ऐसा ही प्रॉपर्टी मार्किट में भी है