मै आपने शहर बिलासपुर से बहुत प्यार करता हु मै भी चाहता हु की मेरा बिलासपुर भी ऐसा ही बने जिस के लिए मै जो प्रयास कर सकता हु करूँगा .वैसे तो मैं कभी किसे के लेख को कॉपी नहीं करता पर आज अहमदाबाद जिन्दाबाद कहने पर मजबुर होगया हु और मैं ईस लेख के लेखक को भी सलाम करना चाहता हु जिन्होंने इतनी खूबसूरती के साथ यह लेख लिखा है ...मुझे लगा की मैं कही टीवी पर अहमदाबाद की विकास यात्रा पर कोई फिल्म देख रहा हु बहुत सुंदर लेख .... जब हिरोशिमा और नागासाकी में बम गिरा था उस के बाद वहा के लोग और वह के प्रशासन से जो विकास किया.वो काबिले तारीफ है . आज जापान की तरक्की सब के सामने है ईस लेख से मुझे जापानियों की मजबूती और विस्वास और काम के प्रति समर्पण की बाते जो मैंने पढ़ी है वो याद आती है ! ऐसा ही कुछ गुजरात के लोगे ने किया है ... अहमदाबाद जिन्दाबाद .. अहमदाबाद के लोग जिन्दाबाद.... अहमदाबाद का प्रशासन जिन्दाबाद और गुजरात की सरकार जिन्दाबाद .............................. बात वर्ष 2000 की है। आईआईएम-ए ने ‘अहमदाबाद ए डाइंग सिटी ऑफ ट्वेंटी फस्र्ट सेंच्युरी’ नाम से केस स्टडी तैयार की थी। संभवत:
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Showing posts from November, 2010
कमल विहार
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कमल विहार पर जो अभी विवाद आया है .. उस की कुछ शासकीय तकनिकी या विभागों के तालमेल में कुछ एक बिन्दुओ पर तकनीकी खामियों की वजह से मिडिया में जो खबरे आरही है ... इस का समाधान तो जल्दी हो जायेगा मुझे ऐसा लगता है . पर मुद्दा ये है की किसान इस का विरोध क्योकर रहे है . जब की जिन लोगो की जमीन कमल विहार में आई है उन को उन की जमीनों की कीमत बहुत ज्यादा मिले है . अब तो खबरे ऐसे आई है की कमल विहार से जो भी लाभ प्राप्त होगा उस को भू - स्वामियों को बाट दिया जायेगा .. यह सच में कुछ ऐसा है तो अच्छी खबर है. यदि यह एक कारपोरेट प्रोजेक्ट रहता तो किसान ख़ुशी ख़ुशी आपनी जमीने दे देते क्योकि बाकी की जमीने कम्पनी मनमाने दामो पर खरीद लेती .सरकारी एक रेट फिक्स है बस तकलीफ यहाँ से आना चालू हो गई है की अब आसपास की जमीनों के भाव सरकारी कीमत से दस गुना ज्यादा हो गए है . इस लिए किसान अब विरोध करना चालू कर रहे है .इस में किसान कम और जमीन पर निवेश करने वाले ज्यादा होंगे. राजस्व विभाग का कुछ क़ानूनी मसला तो आपने समझ से परे है !जो जल्दी ही हल हो जायेगा हम तो यही आशा कर रहे है . मुझे लगता है , की कमल विहार की
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बिलासपुर वासियों के लिए एक खुशखबरी एक तकनीकी सुचना के अनुसार वर्तमान में शहर में प्रति दिन 35 MLD पानी की पूर्ति हो रही है और 30 सालो के बाद बिलासपुर शहर को प्रति दिन 75 से 80 MLD पीने के पानी के जरुरत होगी ! और इतने अधिक पीने के पानी के लिए कम से कम २०० करोड़ से भी ज्यादा का खर्च होगा .और साथ में तकलीफे भी बहुत होंगी...पर हमारी किस्मत अच्छी है की हमारे बिलासपुर से शहर के बिच से से अरपा नदी निकलती है , बिलासपुर के लोगो की किस्मत और भी अच्छी है की हमारे मंत्री जी आपने विदेश दौर का सही उपयोग किया जो लन्दन की टेम्स नदी को देख कर नही आये बल्कि टेम्स नदी को बिलासपुर लाने का सपना भी देख कर आये और अरपा को टेम्स नदी जैसा बनाने के प्रयास में लगे रहे ! जिसका परिणाम अरपा को सवारने के लिए आज अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण का गठन हमारे सामने है,श्री अमर अग्रवाल जी ने एक आर्किटेक्ट सोच रखते हुए बिलासपुर में अरपा प्रोजेक्ट को सामने लाया !यह सपने को सच करने जैसा ही है ! बिलासपुर में पर्यटन को बढाने के लिए अरपा प्रोजेक्ट में मनोरंजन के साधनों , मनोरंजन से जुडी योजनाओ का समावेश करके दुगुना किया जा
अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण
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इस से पहले भी मै अरपा पर ब्लॉग लिख चूका हु चुकी अवसर कुछ ऐसा है जो मैं आपने आप को रोक नहीं पा रहा हु करण यह है की अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के गठन होना मैंने कई बार इस अरपा प्रोजेक्ट पर कई लोगो से चर्चा की है और यह मेरे लिए भी एक सपने को सच होते देखने जैसा है इस प्रोजेक्ट को को लेकर जो जो बाते मैंने सोची थी वो भी समय के साथ हकीकत में बदलती नज़र आ रही है .. यह प्रोजेक्ट चलू होने से मुझे यह फायदा मिला है की मैंने जिन जिन लोगो के सामने इस प्रोजेक्ट से जुडी बाते कही थी वो सच होते जा रही है मुझे लगता है की अरपा प्रोजेक्ट कुछ ऐसा ही होगा २०२० में कुछ ऐसा लगे गी अरपा नदी अरपा नदी २०२२ में Arpa ka kinara 2021 me kuch aisa hoga Arpa Bilaspur २०१९ में कुछ इस तरह लगेगी सेंदरी या