बिलासपुर में भी है दुबई जैसा प्रॉपर्टी मार्केट का हाल



बिलासपुर में भी है दुबई जैसा प्रॉपर्टी मार्केट का हाल  पड़ने के बाद शायद विस्वास न हो पर अलग राज्य बनने के बाद  हर छोटे शहरो का ये ही हाल  है.छत्तीसगढ़ बनने के बाद  बिलासपुर भी इस से अछुता नहीं है ! बिलासपुर में  तोरवा पुल  से मोपका जाते तक, जो रेगिस्थान  धान मंडी से चालू होता है, और मोपका तक   दिखता है!
सहकारी हाउसिंग कालोनियों के नाम पर जो लोगो ने हाउसिंग प्रोजेक्ट और ले आउट में जो भी  निवेश किया है उस की हालत सब के सामने है!  15 साल पहले २०/ प्रति वर्ग फुट की जमीन आज ४०/प्रति वर्ग फुट  में भी नहीं बिक रही है जबकि उस के सामने ४५०/ आज प्रति वर्ग फुट का भाव है. यह तो पुरानी बात हो गई!
अब व्यापार विहार  यहाँ का नया दुबई जैसा प्रोपर्टी मार्केट बन गया है ....कैसे ???
 हम आज से दो साल पीछे जाते है व्यापार विहार में रोड के किनारे की जमीन 1200 से 1500 वर्ग फुट पर मिल रही थी ! BDA ने जो व्यापार विहार में व्यासायिक जोन के छोटे-छोटे भूखंड १५-१७  साल पहले बना कर बेचे थे! कुछ सालो के बाद उन्हें लेने वाला कोई नहीं मिल रहा था बाद में एक खरीदी -बिक्री का एक नया ट्रेंड बना और खूब जमकर खरीदी -बिक्री हुई पर आज  उन भूखंड  को लेने के लिये खरीदार नहीं मिलते है ! यहाँ पर श्री राम टावर एक गार्डन  और व्यापर विहार की थोक मंडी के सिवाय कुछ नहीं था!  इन दो सालो में  जैसे-जैसे  यहाँ पर प्रोजेक्ट बनने लगे और व्यापार विहार में व्यासायिक जोन का नक्शा बदला की यहाँ पर प्रोपर्टी लेने और बेचने का ट्रेंड शुरू हो गया इस बिच कुछ बड़ी और छोटी कार्पोरेट कम्पनियों के दफ्तर भी आ गये कुछ बहुत बड़े आवासीय प्रोजेक्ट भी बिक गए व्यापार विहार ऐसा  जोन बन गया जहा पर हर छोटा बड़ा प्रोपर्टी निवेशक निवेश कर रहा था! बहुत से छोटे निवेशको के कर्ज लेकर भी यहाँ निवेश किया!  २५०/  वर्ग फुट से ८००/ वर्ग फुट की जमीन दो सालो में यहाँ पर २५००/ से ८०००/  के बिच में है. और आज की तारीख में कुछ एक जोन को छोडकर कही भी उन्हें लेने वाले नहीं मिल रहे है. बहुतो के पैसे फसे है और कुछ और लोग आस लगा कर रखे है की रेट और बढेंगे.इस बिच इस व्यापार विहार में व्यासायिक जोन और उस के सामने का कुछ काया कल्प जरुर हुआ है. पर ज्यादा विकास BDA जोन के सामने हुआ है! आज यहाँ पर भी हालात वैसे है जैसा बिच में दुबई के रियल स्टेट मार्केट के गुबारा फूटने पर हुआ था ! दोनों में समानता सिर्फ यही है की लोग कीमत की परवाह नहीं कर रहे थे भविष्य क्या होगा यह  किसे ने नहीं सोच था!बस सोच यही थी की प्रोपर्टी की कीमत बढेगी ! मैं भी नहीं समझ पा रहा हु की इन भूखंडो के खरीदार कौन होंगे !
आज सीपत NTPC के आस-पास प्रोपर्टी में  रिवर्स गेयर लगना चालू हो गयाहै ! वहा पर भी कोई ज्यादा रूचि नहीं ले रहा है ! जबकि आज रायपुर रोड में प्रोपर्टी की कीमते  बढती जा रही है खास कर बिल्हा मोड़ तक क्यों ? क्योकि पिछले ५ सालो से रियल स्टेट मार्केट के  बड़े निवेशक रायपुर रोड में गुबारा फुला रहे है! छोटे निवेशक और ब्रोकर इन गुबारों में हवा भरने और रंग भरने का का कर रहे है!  यहाँ पर भी गुबारा फूटेगा पर कुछ वक़्त लगेगा क्योकि अभी गुबारे फुलाने वाले इसे फोड़ना नहीं चाहते ! क्योकि यहाँ पर रेगिस्तान बनना चालू हुआ है! प्रोपर्टी मार्केट का ट्रेंड भी कुछ ऐसा ही है
हमेशा छोटे छोटे निवेशक इस रेगिस्तान में फंस जाते है!  रेगिस्तान बनता कोई और है और नाम किसी  का हो जाता है . जैसा की मोपका में हुआ था

जहा तक मैंने अभी प्रोपर्टी मार्केट को समझा है की रियल स्टेट मार्केट में गुबारा फुलाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं बस कुछ मजबूत हाथ को आपस में मिलाने वाला मिल जाये. फिर चाहे उस एरिया का रियल स्टेट मार्केट रिवर्स गेयर में हो या फिर गुबारा फुट चूका हो. " गुबारा फूलेगा ही " !
हां यह उन मजबूत हाथो को मिलाने वाले की योग्यता पर निभर करता है की वो रियल स्टेट मार्केट में गुबारा कैसे फुलाता  है और कहा फुलाता  है !

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