खेती योग्य कृषि भूमि
छत्तीसगढ़ बनने के बाद से विकास की तस्वीर सामने आई है उस से प्रभावित हो कर बहुत से लोग जो बहरी राज्यों से आकर यहाँ बसे और जो उन्हों ने यहाँ पर अँधा धुन जमीने खरीदी है उस से यहाँ प्रॉपर्टी की कीमते बढती जा रही है .
एक कारण यह भी है की पंजाब, हरियाणा की तुलना में छत्तीसगढ़ में खेती योग्य कृषि भूमि के सस्ते दामों पर उपलब्ध होने से वहां के किसान भी अपनी जमीनों को अच्छे दामो में बेचकर यहाँ खेती योग्य कृषि भूमि पर अपना निवेश किये है और कर रहे है . इसके कारण खेती की भूमि के दामो में एकाएक पिछले 8 से 10 सालों में कीमतों में उछाल आया हैं .
एक कारण यह भी है की वर्तमान में अनाज की कीमतों में जो हुई बढ़ोतरी दर्ज हुई है उस के कारण किसान अपनी कृषि भूमि बढ़ाना चाहते हैं और ईस वजह से भी खेती योग्य कृषि भूमि की मांग बढती जा रही है .
एक कारण यह भी है की छत्तीसगढ़ शासन ने जो औद्योगिक उपयोग के लिए कृषि भूमि या निजी भूमि को औद्योगिक संस्थानों की स्थापना के लिए निजी भूमि अधिग्रहित किए जाने पर पड़त भूमि के लिए छह लाख रूपए प्रति एकड़, एक फसली असिंचित भूमि के लिए आठ लाख रूपए प्रति एकड़ और दो फसली सिंचित भूमि के लिए दस लाख रूपए प्रति एकड़ मुआवजा का निर्धारण किया गया है निजी भूमि अधिग्रहण में नवीन दरों के अनुरूप किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है इन कारणों से भी कृषि भूमि के दाम बड़ने लगे है .
मुझे उपरोक्त कारण नजर आते है जो की खेती योग्य कृषि भूमि की कीमतों को बढाने की प्रमुख वजह है .
एक कारण यह भी है की छत्तीसगढ़ शासन ने जो औद्योगिक उपयोग के लिए कृषि भूमि या निजी भूमि को औद्योगिक संस्थानों की स्थापना के लिए निजी भूमि अधिग्रहित किए जाने पर पड़त भूमि के लिए छह लाख रूपए प्रति एकड़, एक फसली असिंचित भूमि के लिए आठ लाख रूपए प्रति एकड़ और दो फसली सिंचित भूमि के लिए दस लाख रूपए प्रति एकड़ मुआवजा का निर्धारण किया गया है निजी भूमि अधिग्रहण में नवीन दरों के अनुरूप किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है इन कारणों से भी कृषि भूमि के दाम बड़ने लगे है .
मुझे उपरोक्त कारण नजर आते है जो की खेती योग्य कृषि भूमि की कीमतों को बढाने की प्रमुख वजह है .